गुमनाम बन कर आया था वो | थी मै अंज़न,और थोरी परेशान, कोंन है वो, क्यों है वो| बोलता
था फर्सिता है वो, मेरी हर दुआ मुकाम करेगा| पर पुरानी यादे सताती मुझे की कोई ना
अपना सब अंज़न| पर था एक कसिस् ,था एक सुकून |जब मैंने देखा उस्के आखो मै, पर तब भी था
वो अंज़न| क्या खूब रब नै किया ,अपनो को पराया और पराया को अपना बना दिया |थी मै अकेले
कोई नही था साथ, तब क्यु था वो साथ !क्यु इस अंज़न को मैंने अपना बना लिया ? 🫀 Everthing
happen, happen for a reason just beleive in god 💫 #talk with anuradha
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